आज हम इस आर्टिकल में बात करने वाले है Bangalore Water Crisis की आपको बता दे की बेंगलुरु भारत का वह शहर जिसकी तुलना अमेरिका के सिलिकॉन वैली से की जाती है यह शहर जितना अपने ट्रैफिक के लिए बदनाम है उससे कहीं ज्यादा मशहूर है अपनी आईटी कंपनियों के लिए एक रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ बेंगलर के अंदर 25000 से भी ज्यादा आईटी कंपनियां मौजूद है यहां हर रोज एक आईटी स्टार्टअप खड़ा हो जाता है हर साल यह शहर 5 से 6 अरब डॉलर का एफडीआई लेकर आता है यानी कि विदेशी पैसे लेकिन अब यह शहर कुछ और चीज के लिए भी बदनाम हो रहा है व है पानी का संकट जी हां गर्मियां शुरू भी नहीं हुई है और बेंगलर में वाटर क्राइसिस पीक पर पहुंच रहा है यहां गाड़ियां धोने पर बैन लगा दिया गया है आखिरकार कैसे डॉलर बरसाने वाले शहर में पानी की इतनी बड़ी समस्या खड़ी हो गई है इसके पीछे का कारण क्या है चलिए सब कुछ सिलसिलेवार तरीके से शुरू करते है।। नमस्कार !
Bangalore Water Crisis- मामला क्या है?
Bangalore Water Crisis- पहले आपके अंदर से यह गलतफहमी दूर कर देते हैं है कि बेंगलर में जो पानी की समस्या पैदा हुई है वह गर्मियों के कारण हुई है इस शहर में करीब-करीब हर मौसम में हालात ऐसे ही हैं बंगलुर के बाबू सपाल इलाके में रहने वाले मुनि अम्मा ने बताया कि उसके इलाके में 6 महीने से पानी की समस्या है यानी कि ठंड से भी पहले से और यह लोग टैंकर से पानी खरीदने को मजबूर है एक और लोकल ने बताया कि गर्मियां आते-आते परेशानी और ज्यादा बढ़ने लगी है जिस कारण इन लोगों ने दो दिन में एक बार नहाना शुरू कर दिया है अब यह हालात सिर्फ बेंगलर के ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों के भी हालात कुछ ऐसे ही है रेवेन्यू डिपार्टमेंट के मुताबिक तुमकुर जिले के 746 गांव और उत्तर कन्नड़ के ज्यादातर गांव में बोरवेल सूख चुके हैं बेंगलुरु अर्बन जिले के 174 गांव और 120 वर्डों के भी हालात ऐसे ही हैं अब पानी की इतनी बड़ी समस्या को देखते हुए पॉलिटिशियन मदद के वादे तो कर रहे हैं लेकिन इसके साथ ही आरोप प्रत्यारोप भी चलने लगे है कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार ने बताया कि उनके घर का भी बोरवेल सूख चुका है लेकिन लोगों को किसी भी कीमत पर पानी सप्लाई करने का वादा भी कर रहे हैं वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धा रमैया का कहना है कि लोग गंभीर सूखे का सामना कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से एक पैसे की भी मदद नहीं की जा रही है यह तो हो गई पानी की कितनी समस्या है और इसके लिए सरकार क्या कुछ आरोप लगा रही है।।
Bangalore Water Crisis- समस्या का कारण क्या है?
Bangalore Water Crisis– समस्या क्यों खड़ी हुई वो कारण भी जानना जरूरी है देखिए बेंगलर शहर पानी के लिए कावेरी नदी पर डिपेंडेंट है इस शहर को हर रोज करीब 168 करोड़ लीटर पानी की जरूरत होती है लेकिन कावेरी से बेंगलर को मिलता है 145 करोड़ लीटर पानी यानी कि 23 करोड़ लीटर पानी की कमी हो जाती है अब यह कमी पूरी की जाती है बोरवेल डैम और झीलों से लेकिन अब इन सभी से भी काम नहीं बन पा रहा है एक तो कावेरी नदी का जल स्तर तेजी से घट रहा है इससे नजर पानी की समस्या पैदा हुई है बल्कि सिंचाई के लिए भी पानी नहीं मिल पा रहा है ऐसे में बोरवेल और झीलों के ज्यादा इस्तेमाल के कारण अब यह भी सूखने लगे हैं और यह समस्या धीरे-धीरे और ज्यादा गंभीर होती जा रही है शहर में जो बेंगलुरु मेट्रोपोलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी और बेंगलुरु वाटर सप्लाई एंड सिवरेज बोट के 1478 बोरवेल्स हैं उनमें से 6997 पूरी तरह सूख चुके हैं और बाकी सब सूखते जा रहे हैं इतना ही नहीं कर्नाटक स्टेट नेचुरल डिजास्टर मैनेजमेंट सेंटर ने बताया कि 5 मास तक भाद्र तुंगा भाद्र घट प्रभा माला प्रभा अलमट्टी और नारायणपुरा जैसे छह मेन जलाशय जो कावेरी के जरिए भरे जाते हैं इन जलाशयों में पानी खत्म होता जा रहा है इनमें क्षमता का सिर्फ 38 फ पानी बचा हुआ है अब ये तो हो गई नेचुरल वजह जिसके कारण पानी की किल्लत हो रही है इसके अलावा एक और वजह भी है वो भी तेजी से बढ़ती हुई आबादी है।। धन्यवाद !!
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