India Maldives Row: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जु और उनके सत्तारूढ़ दल प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव ने भारत की दोस्ती को हास्य पर रखते हुए चीन से जो याराना गहरा किया है वो उनके लिए प्राण घाटी कदम बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि मोहम्मद मोइज्जु ने मालदीव को दूसरा श्रीलंका बनाने की तैयारी कर ली है। जिस तरह से चीन ने श्रीलंका को आर्थिक तौर से तबाह कर बीच मझधार छोड़ दिया था। उसी तरह का हसर अब मालदीव का भी हो सकता है क्योंकि इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। एक और जहां भारत से बैर कर वह अपने राजस्वों में भारत के पर्यटकों की ओर से मिलने वाली बड़ी आये का रास्ता लगभग खराब कर चुके हैं।
तो वहीं दूसरी ओर वो मोटे कर्ज के बोझ ताले लगातार दबते चले जा रहे हैं। उसके मोटे कर्ज की कुल बोझ में से लगभग 20 फ़ीसदी के आसपास का कर्ज अकेले चीन की ओर से ही उसे मिला है। मालदीव के इस हाल पर विश्व बैंक ने भी चिंता जाहिर की थी। लेकिन मालदीव है कि मानने को तैयार ही नहीं है। माना जा रहा है कि चीन FTA कर्ज की हिस्सेदारी को और बढ़ा सकता है। इसके बाद मालदीव श्रीलंका की तरह संकट में फंस जाएगा। विश्व बैंक ने अपनी अक्टूबर की रिपोर्ट में चितावनी दी थी कि अगर मालदीव चीन के और करीब जाता है तो ये देश के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है क्योंकि IMF के मुताबिक मालदीव पर चीन का 1.37 बिलियन डॉलर यानी गरीबी 11000 करोड़ का कर्ज है।
भारत से पंगा लेकर मालदीव को पड़ा महंगा (India Maldives Row)
India Maldives Row-जबकि मालदीव के 2014 में BRI में शामिल होने के बाद वहां चीनी कंपनियों का निवेश बढ़कर 1.37 फ़ीसदी डॉलर हो चुका है। मालदीव को मोटा कर्ज देने वालों में चीन के बाद दूसरा नंबर सऊदी अरब जबकि तीसरा नंबर भारत का है। चीन इसी तरह से धीरे-धीरे मित्रता के नाम पर किसी देश पर कर्ज का बोझ बढ़ता चला जाता है। इससे डिप्लोमेटिक तौर से वो देश चीन के दबाव में हो जाता है और फिर चीन का दबदबा इसी तरह से डिप्लोमेटिक तौर से बढ़ जाता है।
चिन अपनी इस नीति से उन देशों की कमजोर आर्थिक नीतियों का फायदा उठाकर अपने हित में कर लेता है और वो देश देखते ही देखते आर्थिक तौर से विनाश की चपेट में आ जाता है। IMF या इंटरनेशनल मोनेटरी फंड पहले भी कुछ देशों को इससे आगाह कर चुका है। श्रीलंका जैसा देश दुनिया के सामने किसी बड़े उदाहरण की तरह हैं। उसने भी चीन की दोस्ती की झांसे में उसे अपने यहां पर विकास के नाम पर आने दिया था। चिन ने श्रीलंका में हंबनटोटा बंदरगाह का विकास किया था, जिसके लिए 1.5 बिलियन डॉलर का खर्चा आया था।
चीन से दोस्ती पड़ हो सकता है खतरा मालदीव को(India Maldives Row)
उसे श्रीलंका चुका नहीं सका और इस तरह से हंबनटोटा चीन के पास 99 साल की लीज पर चला गया। पाकिस्तान भी चीन को अपना दोस्त मानता था। चीन उस पर भी लगभग 70 बिलियन डॉलर का कर्ज़ चढ चुका है जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था खतरनाक हालत में पहुंच गई है। इसी क्रम में अब मालदीव की भी बड़ी लगती है। मालदीव की मोइज्जु सरकार सब देखते हुए भी चीन की शातिर चाल की चपेट में आने को तैयार हो चुकी है। उसे लग रहा है। चीन मालदीव को आधुनिक मालदीव बनाने में उनकी सहायता करेगा। लेकिन वो धीरे-धीरे उनकी आर्थिक गुलामी की जंजीरों में झगड़ा जा सकता है। भारत से पंगा लेने के बाद उसे। हर दिन लगभग 7 करोड रुपए का नुकसान होना शुरू हो चुका है।
दोस्तों अगर आप सभी को यह आर्टिकल India Maldives Row से सम्बंधित जानकारी अच्छी लगी हो तो आप सभी इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें हम आप सभी के लिए इसी तरह का आर्टिकल प्रतिदिन शेयर करते रहते हैं जो आप सभी के लिए बहुत ही लाभकारी होता है. धन्यवाद
आप इसे भी पढ़े.