भारत vs मालद्वीप इस समय बहुत चल रहा है क्योकि भारत और मालदीव के बीच मौजूदा वक्त में टेंशन चल रहा है। इस विवाद की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में काफी हद तक खटास सी आ गई है। लेकिन लोग सोशल मीडिया पर ढेर सारी तरीकों से यह खोज रहे हैं। क्या कह रहा भारत ,भारत के सामने मालदीव कैसा है, और आखिर मालद्वीप की सेना और भारतीय की सेना में कितना बड़ा। अंतर है तो पहले ही बता दें कि मालद्वीप की सेना क्या है। दुनिया के बड़ी से बड़ी सेना के लिए भारतीय सेना काफी है और इससे लोहा लेना किसी के बस की बात नहीं। फिर मालदीव तो एक छोटा सा और केवल पर्यटन पर आधारित अर्थव्यवस्था का देश है। हलाकि मालदीव सिर्फ इस बार नहीं बल्कि उसने कई बार भारत का विरोध किया है। हालांकि भारत उसे लगातार एक छोटे भाई के समान ही ट्वीट करता रहा है।
भारत vs मालद्वीप- में चीन का प्रभाव?
भारत vs मालद्वीप- में चीन का प्रभाव क्या है इसकी चर्चा करते है जब सी ये मुद्दा हुआ है की मालद्वीप के तीन मंत्रियो ने भारत पर अभद्र टिप्पड़ी की थी तब से मामला बहुत ही गंभीर चल रहा है। उसी समय मालद्वीप प्रमुख चीन की यात्रा पर थे , वहाँ से आने के बाद इनका माइंड सेट कुछ ठीक नहीं लग रहा है , मोइज्जू ने भारतीय सेना को वापस जाने की एक तारीख सेट कर दी है की तब तक भारतीय सेना वापस अपने देश चली जाए ,
अब आप सब पूछोगे की भारतीय सेना वह गई क्यों थी तो आपको बता दे की भारतीय सेना वहाँ मालद्वीप की सेना को ट्रैंनिंग देने गई थी। चिंता इस बात की है भारतीय सेना के वहाँ से वापस आने के बाद चीन की सेना वो स्थान न ले ले , क्योकि चीन इस टाइम पर भरत के पड़ोसियों को ज्यादा टारगेट कर रहा है, यहाँ पर भारत की विदेश नीति कुछ कमजोर चल रही है ,खैर आइये आगे देखते है।
भारत vs मालद्वीप- की सेना में अंतर
भारत vs मालद्वीप- की सेना में अंतर की बात करें तो इसमें जमीन आसमान का फर्क है। एक तरफ भारत दुनिया में सेना के मामले में चौथे स्थान पर है तो दूसरी तरफ मालदीव 160 में स्थान पर है। यानी दोनों के बीच 156 अंक का अंतर इस वक्त भारत के पास आम पर्सनल फोर्स में 13 लाख जवान सेना में मौजूद है। जबकि मालदीव के पास एक भी अपना जवान नहीं है जो भारत की सीमा स्थल जल और वायु क्षेत्र में मौजूद हो , भारत की बात करें तो तीनों सेनाओ को मिलाकर तकरीबन 25 लाख से ज्यादा सैनिक मौजूद हैं। जबकि मालद्वीप के पास मात्र 5000 लोग ही मौजूद हैं। अब बात खर्च पर करे तो भारत सरकार अपनी सेना पर 11 अरब से ज्यादा खर्च करती है जो कि विश्व में एक बहुत बड़ा आंकड़ा है जबकि मालद्वीप सरकार मात्र तीन अरब ,40 करोड़ ही खर्च कर पाती है। भारतीय सेवा के पास राफेल, तेजस जैसे खतरनाक फाइटर जेट मौजूद है। जबकि मालद्वीप पास एक भी फाइटर जेट नहीं बल्कि भारत की तरफ से दिया गया है।
ध्रुव हेलीकॉप्टर है इसका इस्तेमाल वो आने जाने के लिए करती है। इसके अलावा भारतीय सेना ने डॉर्नियां विमान भी दे रखे हैं, जो आमतौर पर मालदीव की हमेशा सहायता करते रहते हैं और एक बात जो है भारत की सेना ही मालदीव्स की सेना को ट्रेनिंग भी देने का काम करती रही और फिलहाल करती रही है। इन सब के बावजूद भी इन्होने भारतीय सेना को वापस जाने के लिए मार्च तक का समय दिया है। देखिये अब भारतीय सरकार इसका क्या जवाब देती है वो तो समय ही बताएगा। धन्यवाद !
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