2024 के शुरू होते ही एक और युद्ध शुरु हो चुका है।अमेरिका और ब्रिटेन का वार यमन पर- 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच के युद्ध के बारे में तो सुना ही होगा।जो अभी तक सही से रुकने का नाम नहीं ले रहा है। देखने में लगता है की ये योध बंद हो गया है लेकिन आग अभी भी सुलग रही है। इस युद्ध से बहुत नुकसान हुआ , कई राजनितिक पहलु इस प्रकार इधर – उधर हुए की कई देशो में महगाई अपने चरम पर पहुंच गई थी। जिस कारण से कई देशो की सरकार तक गिर गई। अब इस साल भी एक युद्ध शरू हो चुका है – आइये जानते है इस घटना के बारे में।
अमेरिका और ब्रिटेन का वार यमन में किस पर –
अमेरिका और ब्रिटेन का वार जो है यमन पर इस वार में कई और देश भी शामिल है यह वार यमन में बैठे हूती विद्रोहियों पर था , ये विद्रोही यमन से होकर जाने वाले जहाजों को लूट लेते थे या फिर बम से उड़ा देते थे जिससे कई देशो को भरी नुकसान का सामना करना पड़ता था , इस बार इसने अमेरिका के जहाज को अपना निशना बना लिया ,और अमेरिका इस चीज़ का कई दिनों से इंतजार कर रहा था ,फिर क्या था इसके बाद अमेरिका ने आक्रामक रूप लिया और ब्रिटेन तथा कई और देशो को भी तैयार किया इन इन पर हमला बोल दिया |
वैसे ये हमला U. S के सेन्ट्रल कमांड ने किया है| अभी कुछ दिन पहले हमारी इंडियन आर्मी ने भी कुछ इस तरह के लूटेरो को (सोमालिया ) सबक सिखाया था , सोमालिया के लूटेरो ने भारतीय जहाज को बंधक बना लिया था | जिसमे 21 भारतीय भी मवजूद थे लेकिन जा हमारे मार्कोस कमांडो को देखा तो ये लूटेरे भाग खड़े हुए। खैर हम इस मुद्दे पर आते है।
अमेरिका और ब्रिटेन का वार यमन पर क्यों?
अमेरिका और ब्रिटेन का वार जो है यमन पर वो कई तरह से इसराइल से भी जुड़ा हुआ है क्योकि इसराइल और गाजा पट्टी के बीच जो युद्ध था उसमे गाजा पट्टी को यमन में बैठे होती विद्रोही ही यह से समर्थन दे रहे थे। यमन की राजधानी सना पर इनका कब्ज़ा है ये विद्रोही कुल मिलाकर यमन की सरकार पर अपना कब्ज़ा चाहते है।
ये होती विद्रोही गाजा पट्टी को समर्थन देने के लिए जो भी जहाज लाल सागर होकर गल्फ ऑफ़ अदन होकर इण्डिया आ रहा था ,या स्टेट ऑफ़ हरमुज होकर फारस की खाड़ी जा रहा था , या फिर साउथ चीन से होकर और आसियान कंट्री की ओर जा रह था ये विद्रोही उसको लूट लेते थे या फिर बम से उदा देते थे , इसलिए सभी जहाजे अब कि ऑफ़ गुड होप होकर जाने पर मजबूर हो गई थी , इससे सामान इकोनोमिकली बहुत महंगे हो जा रहे थे , और एक्सपोर्ट और import में भी बहुत खर्चा भी आने लगा था , आप की जानकारी के लिए बता दे की ये जो लाल सागर वाला रास्ता है यह कितना फायदेमंद है। दुनिया का लगभग 15% समुद्र से होने वाला व्यापार ऐसी मार्ग से होता है , 8% अनाज का व्यापार , 12% आयल का व्यापार और 8% गैस का व्यापार मुख्यता ऐसी मार्ग से होता है।
अमेरिका और ब्रिटेन का वार के बाद यमन की स्थिति??
अमेरिका और ब्रिटेन के वार के बाद यमन की स्थिति बड़ी ही नाजुक बनी हुई है। यमन के लोग रात २ बजे से अपने ऊपर हुए हमले के विरोध में सड़को पर खड़े है। इसका मतलब तो यही है की मामला गंभीर हो चुका है , अभी ये लोग भी हमले की तैयारी कर रहे है। और रूस भी एक्शन में आ गया गया है , जैसा की सबको पता ही है की किसी भी युद्ध में अमेरिका और रूस अलग अलग साइड खड़े हो जाते है वही फिर से शुरू हो चुका है। रूस कह रहा है की जब हमने यूक्रेन पर हमला किया था तो वह मानवाधिकार का उलंघन था , तब यह मामला अमेरिका UN की सिक्योरिटी कॉउन्सिल तक ले गया था ,तो हम भी ये मामला UN की सिक्योरिटी कॉउन्सिल तक ले जाएंगे। फिर हाल अभी तक की खबर इतनी हे है देखते है आगे क्या होता है और क्या होते है इसके परिणाम। धन्यवाद !
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