प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र और देश को शुक्रवार को देश के सबसे लंबे समुद्री ब्रिज मुंबई के अटल सेतु (अटल बिहारी वाजपेयी), शुभ डी निहवा सेवा अटल सेतु की सौगात है. नवी मुंबई में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज मुंबई और महाराष्ट्र के लिए बहुत बड़ा दिन है और विकसित भारत संकल्प के लिए ऐतिहासिक दिन है. पूरे देश की नज़र मुंबई पर है क्योकि उन्हें अटल सेतु की बड़ी सौगात मिली है ,जिस कारण से यहाँ के लोगो में खुसी की लहार दौड़ रही है।
मुंबई के अटल सेतु की विशेषताएं?
मुंबई के अटल सेतु की विशेषताएं क्या हैं ? आइये जानते है- यहाँ पर कितना टोल टैक्स देना होगा और यहाँ जाने की किसे इजाज़त होगी और किसे नहीं. सत्रह हज़ार आठ सौ चालीस करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुए अटल सेतु इक्कीस दशमलव आठ (21.8) kilometer लंबा और छह लेन वाला है, जो मुंबई से नवी मुंबई आपको केवल बीस minute में पहुंचाएगा. इक्कीस दशमलव आठ(21.8) kilometer ब्रिज में से छे दशमलव पांच (6.5) kilometer हिस्सा पानी पर है और बाकी पांच दशमलव पांच(5.5) kilometer का एलिवेटेड रोड (ऊँची सड़क) है. अटल सेतू बारह जनवरी से आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. समंदर पर, बने पुल पर, बाइक , ऑटो- रिक्शा और ट्रैक्टरो को जाने की इजाज़त नहीं होगी. मुंबई की ओर जाने वाले मल्टी एक्सेस बाहरी वाहनों ट्रैक्टरो और बसों को अटल सेतु पर जाने की अनुमति नहीं है|आपके जानकारी के लिए बता दे की ,यह भारत का सबसे लम्बा समुद्री ब्रिज है।
मुंबई के अटल सेतु पर लगने वाले टोल टैक्स–
मुंबई के अटल सेतु पर लगने वाले टोल टैक्स की बात करे तो , पैसेंजर कार पर एक बार की यात्रा पर ढाई सौ रुपए (250) का टोल लगेगा. वहीं अगर वापस भी लौटते हैं तो फिर कुल तीन सौ पचहत्तर रुपए (375) का टोल देना होगा. इसके अलावा रोज़ाना सफर करने वालों के लिए daily और monthly पास भी मौजूद है. कार से सफर करने वालों का डेली पास छह सौ पच्चीस रुपए और मंथली पास बारह हज़ार पाँच सौ रुपए में बनेगा. बात अगर speed limit की करे तो Mumbai police ने इस पुल पर speed limit सौ (100) kilometer प्रति घंटा तय कर रखी है| ध्यान रहे कि पुल पर चढ़ते और उतरते समय चालीस(40) kilometer प्रति घंटा speed होगी|
मुंबई के अटल सेतु के फायदे–
मुंबई के अटल सेतु के फायदे ये है की मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. मुंबई से पुणे, गोवा और सम्पूर्ण भारत की यात्रा में लगने वाले समय को भी कम करेगा| यह मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा. अटल सेतु के निर्माण में करीब एक लाख सतहत्तर हज़ार नौ सौ तीन मीट्रिक टन स्टील और पांच लाख चार हज़ार दो सौ त्रिपन मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है ऐसी उम्मीद की जा रही है कि अटल सेतु पर प्रतिदिन करीब सत्तर हज़ार वाहन चलेंगे और ये सौ साल तक चलता रहेगा. अटल सेतु पर मानसून के दौरान कुछ खतरनाक वेब वाली हवाओं का सामना करने के लिए विशेष रूप से लाइटिंग पोल डिज़ाइन किए गए हैं. बिजली से होने वाली संभावित क्षति से बचाने के लिए लाइटिंग प्रोटेक्शन सिस्टम भी लगाया गया है.
सेवरी से आठ दशमलव पांच(8.5) kilometer लंबा नॉइज़ बैरियर स्थापित किया गया है क्योंकि पुल का हिस्सा फ्लेमिंग को प्रोटेक्ट एरिया और भाभ परमाणु अनुसंधान केंद्र से होकर गुजरता है 2018 से परियोजना को पूरा करने के लिए कुल पांच हज़ार चार सौ तीन मजदूरों और इंजिनीअर ने रोज़ाना काम किया. परियोजना पर काम करने के दौरान सात मज़दूरों की जान भी चली गई थी| धन्यवाद!
दोस्तों अगर आप सभी को यह आर्टिकल मुंबई के अटल सेतु की विशेषताएं, खर्च ,टोल टैक्स और फायदे से सम्बंधित जानकारी अच्छी लगी हो तो आप सभी इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें हम आप सभी के लिए इसी तरह का आर्टिकल प्रतिदिन शेयर करते रहते हैं जो आप सभी के लिए बहुत ही लाभकारी होता है. धन्यवाद
आप इसे भी पढ़े.