पुतिन और भारत-आप हैं मेरे साथ में एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय खबर की चर्चा करने के लिए जिससे पश्चिम को यानी कि अमरीका और उसके पिछले लोगों को तो बहुत परेशानी होगी ही Pakistan भी बेचारा unstable हो ही जाएगा. खबर बहुत खास है. खबर खास यह है कि हमारे विदेश मंत्री S जयशंकर साहब रूस की पांच दिवस के यात्रा पर थे और उनसे अपना protocol तोड़कर खुद वहां के राष्ट्रपति पुतिन साहब से मिल लिए. अब यह खबर कितनी महत्वपूर्ण हैं? आज के परिपेक्ष में इसे शुरुआत में ही समझ लीजिए. फिर हम पूरी कथा को विस्तार से बताएंगे.
पुतिन और भारत का मिलना इतना महत्वपूर्ण क्यों –
आज के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण इसलिए है कि जहां एक और America पन्नों जैसे मामले पर अपनी तरफ से बहुत संजीदगी दिखाई हुए दिखाना वाला देश वन रहा है कि वह एक rule of law वाला country है. जहां पर हर citizen की life बहुत कीमती है. फिर चाहे वह आतंकी ही क्यों ना हो. उसे लेकर के अमरीका जहां अपनी एक और साख बनाने में जुटा है. वहीं भारत दुनिया को यह message देने में meeting के बाद कामयाब हुआ है कि चाहे पश्चिम हम पर कितने भी दबाव बना लें. लेकिन रूस के साथ भारत की मित्रता में एक RAW के study एकदम तरीके से कार्यक्रम चलने वाला है. तो आज का artical बेहद ख़ास है. Pakistan को भी समेटेंगे क्योंकि खुद इमरान खान भी हमारी ही जब follow up लेते हुए रूस की यात्रा पर कभी गए थे तो सारी बातें आज के artical में है. बड़ा interesting वाक्य है एक एक करके सारी बातें होगी भारत और रूस के रिश्ते में आपको बताई जाएंगी. पहले कुछ तस्वीरें समझ लेते हैं.
विदेश मंत्री s जयशंकर साहब, रूस के विदेश मंत्री levero और यहां के राष्ट्रपति vladimir Putin. तस्वीर में जो common है, वह जयशंकर साहब है. खबर भी बड़ी interesting है कि जयशंकर साहब ने dassiya की visit के लिए एक आध दिन के लिए कुल मिलाकर पांच दिन की visit की और उस visit में protocol से पहले मतलब इतना समझ लीजिए की, क्यूँ? जयशंकर साहब गए, क्या क्या बातें हुईं? क्या हम और भी तेल खरीदने वाले हैं, तमाम बातें हैं, आगे बढ़ते हैं. अमेरिकी अखबारों ने कहा है की India Russia reform friendship discuss growing trade strategic ties यानी कि एक तरह से यह इस बात को भी स्वीकार कर रहे हैं America media वाले कि इन्होंने फिर से अपनी दोस्ती को दुनिया के सामने confirm कर दिया है कि हां हम भैया रूस के ही दोस्त हैं और दोस्ती को हम यहां पर confirm करते हैं.
पुतिन और भारत का मिलना–
चलिए अच्छी बात है. शुरुआत करते हैं उस दिन से जब से यह यात्रा शुरू होती है. साथियों अगर आप तारीख को पर गौर करें तो पच्चीस से लेकर उनतीस तारीख के beach में भारत के विदेश मंत्री के द्वारा रूस की यात्रा की गई. पच्चीस तारीख को यात्रा शुरू होती है. रूस की यात्रा शुरू क्यों की गई? अब उसके पीछे का भी एक कारण समझ लेते हैं|
पुतिन और भारत के मिलाने का कारण –
साथियों वर्ष दो हज़ार में भारत और रूस ने अपनी मित्रता को एक और आयाम देने के लिए निर्धारित किया कि हम लोग एक दूसरे के साथ हर साल मुलाकात किया करेंगे. जैसे आप अपने मित्र के साथ discuss करते हैं कि भैया एक दिन हम आपके घर पर आऐंगे अगले दिन आप हमारे घर पर आइएगा. इस महीने की party आप हमारे साथ करिए अगले महीने की party हम आपके साथ करेंगे. तो भारत और रूस में भी कुछ ऐसी ही एक दूसरे के साथ वादे ली हुई थी. कि एक साल हम भारत में मिलेंगे और एक साल हम रूस में मिलेंगे और इस प्रकार से भारत और रूस का bilateral relations top अधिकारियों के साथ परवान चढ़ने लगा. इक्कीस बार भारत और रूस के राष्ट्रीय अध्यक्ष आपस में मिल चुके हैं. दो हज़ार इक्कीस में आखिरी बार मिले थे, लेकिन 2022-2023 यह वह दो साल है. जब ना तो भारत की तरफ से भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रूस गए और ना ही रूस की तरफ से रूस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भारत आए. ऐसा क्यों हुआ? और सबसे important बात भारत वाले नहीं गए रूस वाले आए नहीं इस बीच में इनका जाना कैसे हुआ? दोनों ही बातें समझते हैं ठीक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने annual summit को skip किया 2022 वाली को.
असल मायने में जब 2021में हम लोग आपस में मिल चुके हैं. 2021 आखिरी बार हमारी meeting हुई थी. Putin India आए थे और बहुत ही गर्मजोशी के साथ, भारत में इनका स्वागत हुआ था. फरवरी दो हज़ार बाइस में भारत मतलब फरवरी दो हज़ार बाइस में Russia Ukraine की जंग शुरू होती है और ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री मोदी रूस जाने का अपना plan स्थगित कर देते हैं. Obvious सी बात है उस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत पर भी बहुत दबाव था. रूस पर भी तमाम sanctions लग रहे थे. तो 2021 के बाद जब 2022 आया, तब भी हमने Ukraine war को crisis का मतलब ना जाने का कारण नहीं बनाया था. तो हम क्यों नहीं गए? असल मायने में उस समय Putin की तरफ से एक खबर बाहर आ गई थी. रूस की तरफ से यह खबर बाहर आई थी. Bloomberg ने छापी थी. Bloomberg ने अपनी report में यह दावा करते हुए कहा था कि Ukraine युद्ध के अंदर व्लादिमीर पुतिन परमाणु बम का उपयोग कर सकते हैं. War में परमाणु बम के उपयोग की जैसे ही चर्चा आई तुरंत भारत ने इनके यहां जाने से अपना protest दर्शा के किनारा कर लिया. आपको हमने एक साल पहले यह session कराया था दस December की आप यह खबर देख रहे हैं russia will wipe you out from Earth एक ऐसी धमकी पुतिन के माध्यम से यूक्रेन की तरफ आ गई थी कि तुम्हें धरती से मिटा देंगे.
Putin की इसी धमकी पर मोदी ने रद्द कर दी थी रूस की यात्रा यह हमने एक वर्ष पहले आपके साथ session किया था. तो उसी session की chronology में आगे बढ़ते हैं. तो भारत के प्रधानमंत्री दो हज़ार बाइस में अपना protest दर्शाते हुए इस चीज़ का व्लादिमीर पुतिन की तरफ से आए nuclear हमले का protest दर्शाते हुए नहीं गए थे. चलिए कोई बात नहीं. 2022 निकल गया. 2023 आया, दो हज़ार तेईस में G20 की बैठक थी और भारत और पुतिन की meeting भी होने वाली थी. लेकिन पुतिन साहब भी यहां नहीं आए. क्यों नहीं आए? क्योंकि western world का इतना pressure था कि Russia Ukraine crisis पर India ने अब तक रूस के विरोध में कुछ नहीं किया है. कम से कम उन्हें बुलाने के स्थान पर उनके विदेश मंत्री को बुला लिया जाए. तो G20 में सरगली लैवरो पुतिन के स्थान पर India आए थे. तो उम्मीद है अब आपको बाकी दो सालों की बातें भी समझ में आ गई. लेकिन इसी beach में भारत की तरफ से भारत के प्रति में भी S जयशंकर साहब रूस पहुंचते हैं. आप उनकी यह तस्वीर पच्चीस December की देखते हैं. S जयशंकर साहब Twitter पर tweet डालते हैं और बताते हैं कि वो रूस पहुंच चुके हैं. क्यों गए थे? पांच दिवसीय यात्रा के लिए गए थे.
25 December को पुतिन और भारत की वार्ता –
पच्चीस December को S जयशंकर पहुंचते हैं. पहुंचने के बाद में इस प्रकार की दो स्तरीय वार्ता यहां पर करते हैं. वार्ता होती है. वार्ता के अंदर यह अपनी तरफ से बताते हैं कि हमने अपने representatives के साथ रूसी representative की बात चीत की और भारत और रूस के beach में कई और areas में connectivity को बढ़ाने को लेकर multilateralism को बढ़ाने को लेकर वार्तायें हुई हैं. इन दोनों वार्ताओं से आगे बढ़े. यहां शंकर साहब निकल कर के Russian industries और trade exhibitions देखने के लिए आगे गए. और यहां पर इनकी यात्रा के लगातार update छब्बीस December को भी आपने दिए. छब्बीस December की ही late रात इन्होंने अपनी तरफ से message देते हुए बताया कि इनकी मुलाकात बहुत ही productive रही
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